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बुधवार, 21 सितंबर 2011

२-जी घोटाले में फंसे चिदम्बरम

जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने 2जी लाइसेंस आवंटन घोटाले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा के साथ- साथ केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम की मिलीभगत होने के अपने आरोप के समर्थन में उच्चतम न्यायालय में बुधवार को दो दस्तावेज दाखिल किए।

इस मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की खंडपीठ को सौंपे गए दस्तावेजों में राजा और चिदम्बरम के बीच लाइसेंस आवंटन के बारे में हुई बातचीत का अक्षरशः ब्यौरा शामिल है।

एक अन्य दस्तावेज में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की ओर से इस वर्ष 25 मार्च को प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया नोट शामिल है, जिसमें कथित रूप से कहा गया है कि तत्कालीन वित्त मंत्री चिदम्बरम यदि चाहते तो कौड़ियों के भाव स्पेक्ट्रम आवंटित करने की प्रक्रिया को रोक सकते थे।

वित्त मंत्रालय ने राजा की गिरफ्तारी के करीब एक महीने बाद यह पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा था। वित्त मंत्रालय में उप निदेशक पीजीएस राव ने यह पत्र पीएमओ में संयुक्त सचिव विनी महाजन को प्रेषित किया था।

इस बीच न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में किसी तरह की कोई क्षति नहीं होने की भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की रिपोर्ट पर आश्चर्य व्यक्त किया1 खंडपीठ ने ट्राई की इस रिपोर्ट पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा हम ट्राई की रिपोर्ट से अचम्भित हैं। ट्राई दूरसंचार नियामक है और हाल के दिनों में उसका रवैया बहस का मुद्दा है।

हालांकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के वकील ने न्यायालय को अवगत कराया कि उसने ट्राई की रिपोर्ट स्वीकार नहीं की है और दूरसंचार नियामक से उसकी रिपोर्ट का आधार बताने को कहा है। गत 20 अगस्त को जारी ट्राई की इस रिपोर्ट को मामले के कई आरोपियों की जमानत के लिए आधार बनाया गया है।

प्रधानमंत्री से चिदम्बरम की भूमिका की जांच करवाएं : भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि वित्त मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे गए पत्र से 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में तत्कालीन वित्त मंत्री चिदम्बरम की भूमिका का खुलासा हो जाने के बाद प्रधानमंत्री को इस मामले में उनके खिलाफ व्यापक जांच करानी चाहिए।

भाजपा के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के कार्यालय द्वारा 25 मार्च 2011 को प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि यदि चिदम्बरम वित्त मंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान चाहते तो 2 जी घोटाले में राजस्व के नुकसान को रोका जा सकता था।

उन्होंने कहा कि भाजपा पहले भी चिदम्बरम के खिलाफ इस मामले में जांच की मांग करती रही है और पार्टी के एक शिष्टमंडल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इस बारे में हाल ही में एक ज्ञापन भी दिया था।

प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मामले को ईमानदारी से जांच कराने का दावा करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पत्र के एक बार फिर सार्वजनिक हो जाने के बाद यह नैतिकता का तकाजा है कि डॉ. सिंह इस मामले में चिदम्बरम की भूमिका की व्यापक जांच कराए। उन्होंने सीबीआई पर भी आरोप लगाया कि वह जानबूझकर इस मामले में चिदम्बरम की भूमिका की जांच नहीं कर रही है।

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