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सोमवार, 11 अप्रैल 2011

आईपीएल का भ्रष्टाचार

आईपीएल (i.p.l.) के भ्रष्टाचार का भी ठीक वैसा ही विरोध होना चाहिए,
जैसा कि अन्य तरह के भ्रष्टाचार का हो रहा है.

यह भी एक राजनीतिक-आर्थिक भ्रष्टाचार है.

शासक वर्ग ने इसे इसीलिए बनाया है ताकि जनता की जेब खाली करवायी जा सके और
देश में चल रहे लूट-खसोट की और से उनका ध्यान हटाया जा सके.
यह एक तीर से कई शिकार करने जैसी बात है.

अभिभावकों को इससे सावधान रहने की जरुरत है. वे खुद तो इस साजिश का बहिष्कार करें ही,
अपने बच्चों को भी समझाएं कि मैदान में जाकर बहुमूल्य समय और पैसे खर्च करने या
टीवी के सामने अपना स्वास्थ्य नष्ट करने से बेहतर है कि
खुद किसी मैदान या गली में जाकर फुटबॉल या बैडमिंटन या गली क्रिकेट खेलकर अपनी सेहत बनाएँ
और अपनी पढाई पर ध्यान दें.

सिर्फ ललित मोदी (lalit modi) ही नहीं, बल्कि क्रिकेट के सारे अधिकारी किसी न किसी रूप में भ्रष्ट हैं.
बीसीसीआई (b.c.c.i.) के तमाम खातों, आय-व्यय की पूरी जांच हो तो अनेक घोटाले सामने आ सकते हैं.
अब तक ललित मोदी की गिरफ्तारी नहीं होने की भी यह एक वजह है कि उसके पास तमाम अधिकारीयों और आईपीएल के मालिकों के कच्चे-चिट्ठे हैं.

ललित मोदी को बचाने में मनमोहन सरकार भी लगी हुई है. वरना वो अब तक जेल में होता.
ठीक उसी तरह जैसे कि कलमाडी (kalmadi) अब तक बाहर छुट्टा घूम रहा है.


1 टिप्पणी:

  1. सचमुच आईपीएल एक ज़हर बन चुका है. इससे पढाई-लिखाई और काम-आराम, घूमने-फिरने, मिलने-जुलने पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. इससे सभी दूर रहें. इसका बहिष्कार करें.

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