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रविवार, 25 सितंबर 2011

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अन्ना टीम द्वारा होगा सर्वेक्षण

सांसदों पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत अन्ना हजारे पक्ष अगले दो महीने के भीतर उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में जनलोकपाल के मुद्दे पर सर्वेक्षण के रूप में ‘जनमत संग्रह’ कराएगा। संसद के अगले सत्र के मद्देनज़र ऐसा कराया जा रहा है.. गौरतलब है कि अगले साल इन राज्यों में चुनाव भी होने वाले हैं....


इस सिलसिले में में उत्तर प्रदेश के रायबरेली, अमेठी, वाराणसी, गाजियाबाद, लखनऊ, अम्बेडकर नगर और मैनपुरी तथा उत्तराखंड के देहरादून और हरिद्वार जैसे शहरों को शामिल करने की योजना है। रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अमेठी कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का निर्वाचन क्षेत्र है। इससे इन राज्यों की जनता की नब्ज का पता चल जाएगा.


अन्ना टीम ने जुलाई में केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के दिल्ली स्थित चांदनी चौक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में भी जनलोकपाल के मुद्दे पर इसी तरह का सर्वेक्षण कराया था। तब दावा किया गया था कि क्षेत्र के 95 फीसदी लोग हज़ारे के जनलोकपाल मसौदा विधेयक के पक्ष में हैं।

अन्ना के एक साथी मनीष सिसौदिया ने बताया‍ कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले का वक्त हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही स्थायी समिति भी इस अवधि के दौरान विभिन्न पक्षों के विचार सुनेगी और अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी। उन्होंने कहा कि इन सर्वेक्षणों में जनता से सीधा सवाल किया जाएगा कि क्या उनके क्षेत्र के जनप्रतिनिधि को हजारे के जनलोकपाल का समर्थन करना चाहिए।


अन्ना पक्ष का जनलोकपाल के मुद्दे पर यह सर्वेक्षण उत्तर प्रदेश के शहरों के अलावा दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद और उत्तराखंड के देहरादून और हरिद्वार में भी हो सकता है। उत्तरप्रदेश में इन सर्वेक्षणों की कमान हजारे के आंदोलन ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ की राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य संजयसिंह संभालेंगे।


अन्ना पक्ष के सदस्य इन सर्वेक्षणों में सीधे तौर पर शामिल नहीं रहेंगे। लोकपाल के मुद्दे पर हज़ारे के हालिया आंदोलन से जुड़े लोग यह सर्वेक्षण कराएंगे। लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही संसद की स्थायी समिति के सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्रों में भी यह कवायद शुरुआती सर्वेक्षणों की सफलता के आधार पर की जाएगी।


यह सर्वेक्षण क्या सिब्बल के निर्वाचन क्षेत्र में हुई कवायद की तरह रहेगा, सिसौदिया ने बताया कि जनता से पूछे जाने वाले सवालों के लिहाज से यह अपेक्षाकृत छोटा रहेगा।


उन्होंने कहा कि इसमें दो सीधे सवाल जनता से किए जाएंगे। पहला, क्या आपके क्षेत्र के जनप्रतिनिधि को अन्ना हजारे के जनलोकपाल का समर्थन करना चाहिए और दूसरा, अगर जनप्रतिनिधि समर्थन नहीं करते हैं तो क्या आप आगामी चुनाव में उन्हें वोट देंगे।


इस बीच, लोकपाल के मुद्दे पर पिछले महीने रामलीला मैदान पर हुए हजारे के अनशन के दौरान हासिल हुई दानराशि और खर्च का ऑडिट कराने का काम भी चल रहा है। हजारे के आंदोलन ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ की प्रवक्ता अश्वती मुरलीधरन के अनुसार, ऑडिटरों का दल जनवरी से अगस्त तक की अवधि का ऑडिट कर रहा है। इससे अन्ना टीम के विरोधियों का मुँह भी बंद हो जाएगा.....

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