तो पहला काम .-- ख़ुद को जगाना
कितना मुश्किल है खुद को बताना
कि हम एक हैं ...
और मानव धर्म एक है .....
औरसारे भारतीय ।मेरे भाई बहन हैं ...
ये प्रतिज्ञा सिर्फपाठशाला का एक नियम बनाना .....
नर्सरी में दाखिला लिया ..
पापा फॉर्म भर रहे थे ...
पहला सवाल था .
जाति , धर्म कौन सा ?हिन्दू ....लिंगायत .......
पापा ...ये धर्म क्या होता है ..?
मेरा सवाल था ....
बेटा ..तुम नहीं समझोगी ..
बहुत छोटी हो .....
"आया " ने मेरी ऊँगली थामा ....आया से मैंने पूछा .....आपका धर्म क्या है . ....?मुस्लिम ............
ये था पहला पाठ मेरे बचपन का .....कितना आसान हो गया है ....
खुद को बताना ...
मेरे दादा ..मेरे दादा के दादा ..उनके दादा के दादासभी ने यही सीखा था ..
हम सब एक है ...
मानव धर्म एक है ...
कोई तो मेरे सवालो का जवाब दो ..........?'रामायण कहा से आया ..?
कुरान कहा से आया ..?महाभारत कहा से आया ....?
और ये बायबिल ॥कहा से आयी ...?
कितना आसान हो गया है ..खुद को बताना
आज 'भगवान "अल्लाह "जीसस " भी लाचार है . ....उनके नाम पर ही ॥एक दूसरे को मरोड़ रहे हैं ....
कैंडल भी बहुत जलाए ......
टी वी पर नाम भी फैलाये ....कि ..हम लड़ेगे ....हम लड़ेगे .....दूसरी सुबह ने देखा ...
वो खुद ही लड़ रहे है .....
मै "मारता "...तू मुस्लिम ....वो बिहारी .....आसान हो गया है खुदको बताना
सिर्फ "दिल " से सोचो ...."भारत मेरा देश है ...
और "भारत मेरा घर है "........ हम सब भाई बहन है ...
तो कैंडल भी न हो ...
लिस्ट भी न होख़ुद को जगाओ .......
ख़ुद को जगाओ ......
तो आसान नहीं होगा ख़ुद को जगाना ......
तो ...पहला काम .. ख़ुद को जगाना ......
ख़ुद को जगाना ......
नंदिनी पाटिल
कि हम एक हैं ...
और मानव धर्म एक है .....
औरसारे भारतीय ।मेरे भाई बहन हैं ...
ये प्रतिज्ञा सिर्फपाठशाला का एक नियम बनाना .....
नर्सरी में दाखिला लिया ..
पापा फॉर्म भर रहे थे ...
पहला सवाल था .
जाति , धर्म कौन सा ?हिन्दू ....लिंगायत .......
पापा ...ये धर्म क्या होता है ..?
मेरा सवाल था ....
बेटा ..तुम नहीं समझोगी ..
बहुत छोटी हो .....
"आया " ने मेरी ऊँगली थामा ....आया से मैंने पूछा .....आपका धर्म क्या है . ....?मुस्लिम ............
ये था पहला पाठ मेरे बचपन का .....कितना आसान हो गया है ....
खुद को बताना ...
मेरे दादा ..मेरे दादा के दादा ..उनके दादा के दादासभी ने यही सीखा था ..
हम सब एक है ...
मानव धर्म एक है ...
कोई तो मेरे सवालो का जवाब दो ..........?'रामायण कहा से आया ..?
कुरान कहा से आया ..?महाभारत कहा से आया ....?
और ये बायबिल ॥कहा से आयी ...?
कितना आसान हो गया है ..खुद को बताना
आज 'भगवान "अल्लाह "जीसस " भी लाचार है . ....उनके नाम पर ही ॥एक दूसरे को मरोड़ रहे हैं ....
कैंडल भी बहुत जलाए ......
टी वी पर नाम भी फैलाये ....कि ..हम लड़ेगे ....हम लड़ेगे .....दूसरी सुबह ने देखा ...
वो खुद ही लड़ रहे है .....
मै "मारता "...तू मुस्लिम ....वो बिहारी .....आसान हो गया है खुदको बताना
सिर्फ "दिल " से सोचो ...."भारत मेरा देश है ...
और "भारत मेरा घर है "........ हम सब भाई बहन है ...
तो कैंडल भी न हो ...
लिस्ट भी न होख़ुद को जगाओ .......
ख़ुद को जगाओ ...
तो आसान नहीं होगा ख़ुद को जगाना ......
तो ...
ख़ुद को जगाना ......
नंदिनी पाटिल
वास्तव में जो हम सीखते हैं या कहे हमें सिखाया जाता है व्यवहारिक नहीं रहा | क्या किताबों में लिखे आदर्शों को जीवन में उतारने का कोई तरीका है या वास्तव में जो हम व्यवहार स्वरूप करते हैं उसे किताबों में आ जाना चाहिए ?
जवाब देंहटाएंभाई साहब , यह ब्लॉग मैंने बनाया है और एक कहानी भी पोस्ट की है | कृपया आप भी फोलो करें तो अच्छा है | कहानी के बारे में अवश्य बताएं कि किसी है
जवाब देंहटाएंhttp://agyatajay.blogspot.com/
केवल लिखा है मेरे दादा और उनके दादा ने क्या सिखा था इसके लिए आईटीआई हास पढ़ना पड़ेगा ; पर वो टी फोर्ड के दलों के लिए थोडा कठिन होगा न :P
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